राइट नॉव जस्ट रिप्लाइ मी

राइट नॉव जस्ट रिप्लाइ मी

फीलींग ऑफ रिजेक्शन
यूमन नेचर को जानने-समझने वाले साइकियाट्रिस्ट्स का मानना है की आज लोगों के बेसब्री का सबसे बडा कारण उन्हें फीलिंग आफ रिजेक्शन ही लगता है। आज कोइ भी रिश्ता हो, किसी को अपनी इग्नोरेंस बर्दाश्त नहीं हो पाती। चाहे वह लाइफ पार्टनर हों या फ्रेंड या फेसबुक फ्रेंड या फिर फैमिली मेंम्बर्स ही क्यों न हों...। ऎसा नहीं है कि सिर्फ प्यार के मामलों में ही इग्नोरेंस असहनीय होती है। दरसल, अब तो हर कोई अपने लिए हां ही सुनना चाहता है और वह भी बिना देर किए। अगर किसी कारण जवाब आने में देरी होती है तो बेसब्री का पैमाना इस तरह छलकने लगता है कि आपसी रिश्तों की ही तोड-फोड शुरू हो जाती है।