जन्माष्ठमी के व्रत का महत्व

जन्माष्ठमी के व्रत का महत्व

यदि वही तिथि नक्षत्र से युक्त हो तो जयंती नाम से संबोधित की जाएगी विहृपुराण का वचन है कि कृष्णापक्ष की जन्माष्ठमी में यदि एक कला भी रोहिणी नक्षत्र हो तो उसको जयंती नाम से ही संबोधि किया जाएगा।

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