इस श्राद्ध में कैसे हो आप पर पूर्वजों की कृपा...
हिंदू संस्कृति में पूर्वजों को देवताओं के समतुल्य माना गया है। वेदों में भी पितृश्राद्ध का वर्णन आया है। इसी कारण प्रत्येक वर्ष आश्विन मास के कृष्ण पक्ष प्रतिपदा से अमावस्या तक के पंद्रह दिनों को पितृपक्ष कहा जाता है और यह पखव़ाडा सिर्फ पितरों अर्थात पूर्वजों के पूजन और तर्पण के लिए सुनिश्चित होता है। हिन्दू मान्यता के अनुसार पितृपक्ष में पूर्वजों को याद करने और उनकी पूजा करने से उनकी आत्मा को शांति मिलती है और वे प्रसन्न होकर हमें सुख-समृद्धि का आशीर्वाद देते हैं। तो इस श्राद्ध में कैसे करें पूर्वजों को प्रसन्न आइए देखें।