आज गुरु पूर्णिमा के दिन चंद्र ग्रहण, जानें इसका महत्व
आषाढ़ मास की पूर्णिमा को गुरु पूर्णिमा (Guru Purnima) कहते हैं। इस दिन
गुरु पूजा का विधान है। साधारण भाषा में गुरु वह व्यक्ति हैं जो ज्ञान की
गंगा बहाते हैं और हमें अंधकार से प्रकाश की ओर ले जाते हैं। पूरे भारत में
यह पर्व बड़ी श्रद्धा के साथ मनाया जाता है।
आज आषाढ़ी
पूर्णिमा के दिन गुरु पूर्णिमा तथा चंद्र ग्रहण है। अत: ग्रहण के दौरान
मंत्रों का जप किया जा सकता है तथा विशेष लाभ प्राप्त किया जा सकता है।
गुरु और गुरु पूर्णिमा (Guru Purnima) का हिन्दू धर्म में विशेष महत्व
है। हिन्दुओं में गुरु का सर्वश्रेष्ठ स्थान है। यहां तक कि गुरु का
दर्जा भगवान से भी ऊपर है क्योंकि वो गुरु ही है जो हमें अज्ञानता के
अंधकार से उबारकर सही मार्ग की ओर ले जाता है। यही वजह है कि देश भर में
गुरु पूर्णिमा का उत्सव धूमधाम से मनाया जाता है।
मान्यता है कि
इसी दिन आदिगुरु, महाभारत के रचयिता और चार वेदों के व्याख्याता महर्षि
कृष्ण द्वैपायन व्यास यानी कि महर्षि वेद व्यास (Ved Vyas) का जन्म हुआ
था। वे संस्कृत के महान विद्वान थे। महाभारत (Mahabharat) जैसा महाकाव्य
उन्हीं की देन है। इसी के 18वें अध्याय में भगवान श्री कृष्ण गीता का
उपदेश देते हैं। सभी 18 पुराणों का रचयिता भी महर्षि वेदव्यास को माना जाता
है।
वेदों को विभाजित करने का श्रेय भी इन्हीं को दिया जाता है।
इसी कारण इनका नाम वेदव्यास पड़ा था। वेदव्यास जी को आदिगुरु भी कहा जाता
है इसलिए गुरु पूर्णिमा को व्यास पूर्णिमा (Vyas Purnima) के नाम से भी
जाना जाता है। गुरु पूर्णिमा के दिन गुरु की पूजा-आराधना करने का विधान
है। इस बार गुरु पूर्णिमा के दिन चंद्र ग्रहण (Lunar Eclipse) भी है।
कब है गुरु पूर्णिमा...
हिन्दू कैलेंडर के मुताबिक आषाढ़ शुक्ल पक्ष
की पूर्णिमा को गुरु पूर्णिमा कहते हैं। ग्रेगोरियन कैलेंडर
के अनुसार गुरु पूर्णिमा हर साल जुलाई महीने में आती है। इस बार गुरु
पूर्णिमा 16 जुलाई को है।
गुरु पूर्णिमा की तिथि और शुभ मुहूर्त...
गुरु पूर्णिका की तिथि : 16 जुलाई 2019।
गुरु पूर्णिमा प्रारंभ : 15 जुलाई 2019 को रात 01 बजकर 48 मिनट से।
गुरु पूर्णिमा तिथि सामप्त : 16 जुलाई 2019 की रात 03 बजकर 07 मिनट तक।
गुरु पूर्णिमा का महत्व...
#पुरुषों की इन 5 खूबियों पर मर-मिटती हैं महिलाएं