रोमांस स्ट्रेस को मत दो न्योता...
मीडिया का रोल आधी-अधूरी जानकारी व गलतफहमियां भी स्ट्रेस को बढाती हैं। आज हर मैग्जीन में सेक्स कॉलम को जरूरी माना जाता है। कॉलम में सेक्सोलॉजिस्ट द्वारा पाठकों के प्रश्Aों के उत्तर दिए जाते हैं। लेकिन पढ़ने वाला ये भूल जाता है कि संबंधित लेख या कॉलम में दी गई जानकारी एक सामान्य जानकारी होती है जबकि हर व्यक्ति दूसरे से भिन्न होता है। इसके अलावा इंटरनेट सेक्स, होमोसेक्सुअलिटी आदि भी आम आदमी के मन को भ्रमित करने मे खास रोल निभा रहे हैं और सेक्स स्टे्रस को बढ़ा रहे हैं। इसलिए आज यह बेहद जरूरी हो गया है कि कपल्स एक-दूसरे के लिए थो़डा वक्त निकालें। साथ ही स्ट्रेस के उपरोक्त सभी मुद्दों पर एकबार विचार-विमर्श भी करें ताकि सेक्स स्ट्रे्रस पनपने ही न पाए और जिंदगी खुशनुमा बन जाए।