स्वास्थ्य के लिए हानि से ज्यादा फायदेमंद है डार्क चॉकलेट
अवसाद में फायदेमंद है डार्क चॉकलेट
अवसाद
(डिप्रेशन) आज के समय में एक आम समस्या बन गई है। अवसाद के समय में मनुष्य
में मूड में बदलाव, उदास रहना, गुस्सा आना और चिड़चिड़ापन जैसे लक्षण देखने
को मिलते हैं। ऐसे में डॉर्क चॉकलेट का सेवन मूड को ठीक करने का काम करता
है। शोध में सामने आया है कि अगर कुछ दिन तक नियमित डार्क चॉकलेट का सेवन
किया जाए तो डिप्रेशन के लक्षणों में सुधार हो सकता है।
एंटीऑक्सीडेंट से भरपूर
शरीर
को बीमारियों से बचाने और स्वस्थ रखने के लिए एंटीऑक्सीडेंट बेहद जरुरी
हैं। एंटीऑक्सीडेंट कोशिकाओं को क्षति से बचाने का काम करता है। फलों और
सब्जियों की तरह डॉर्क चॉकलेट में भी एंटीऑक्सीडेंट मौजूद होते हैं। डार्क
चॉकलेट में प्रचूर मात्रा में फेनोलिक यौगिक पाया जाता है जो शक्तिशाली
एंटीऑक्सीडेंट है। ऐसे में खुद को स्वस्थ रखने के लिए डॉर्क चॉकलेट का सेवन
किया जा सकता है।
सर्दी-जुकाम
बदलते मौसम के साथ ही
सर्दी-जुकाम लगना आम बात है। ऐसे में अगर सर्दी-जुकाम से बचना है तो डार्क
चॉकलेट का सेवन किया जा सकता है। डॉर्क चॉकलेट में थियोब्रोमाइन नामक एक
रासायनिक पदार्थ पाया जाता है जो श्वसन तंत्र संबंधी समस्याओं
(सर्दी-जुकाम) पर प्रभावी रूप से काम करता है।
ऊर्जा प्रदान करे
डार्क
चॉकलेट एनर्जी बूस्टर का काम करती है। डार्क चॉकलेट में पॉलिफिनॉल्स मौजूद
होते हैं, जो एंटीऑक्सीडेंट, एंटी इन्फ्लामेट्री और एंटी ओबेसिटी (मोटापा
कम करने वाला) जैसे गुण प्रदर्शित करते हैं। यह सभी गुण एक साथ मिलकर खाद्य
पदार्थों से मिलने वाली ऊर्जा की खपत को बढ़ाकर तुरंत एनर्जी प्रदान करने
में मदद कर सकते हैं।