थोडा-सा रूमानी भी हो जाएं
कभी- कभार करें मनुहार
शादी के बाद पति की पॉजिशन तो वहीं रहती है। बल्कि यह कहना सही रहेगा कि उसे ज्यादा सुख- सुविधाएं मिलनी शुरू हो जाती हैं। लेकिन वहीं वाइफ का रोल पूरी तरह चेंज हो जाता है। खाना बनाने से लेकर कप़डे धोने तक, उसे सब कुछ करना पडता है। वह वही सब करती है, जो पति को पसंद होता है। यह कहना गलत न होगा कि उसकी खुद की पर्सनैलिटी खत्म हो जाती है। ऎसे में उसकी इच्छा होती है कि उसका हसबेंड कभी उससे मनुहार करे, उसे आउटिंग के लिए इनवाइट करे। ऎसे में आपको यह कहना कि क्या यार तुम तो मेरी अपनी हो। जब तुम्हारा मन करे मुझसे कह दिया करो। ऎसे में रिलेशनशिप में खटास आनी शुरू हो जाती है। वाइफ को लगता है कि मैं तो सारे दिन हसबेंड के लिए समय दे रही हूं और एक वो हैं कि मेरे लिए समय देने के लिए तैयार नहीं हैं।