बाथरूम हो वास्तु के अनुसार

बाथरूम हो वास्तु के अनुसार

स्त्रानघर तथा शौचालय किसी भी वास्तु योजना का एक महत्वपूर्ण भाग होता है और यदि इन्हें नहीं साधा जाए तो अच्छी से अच्छी वास्तु योजना की सफलता का प्रतिशत तथा शुभत्व घटा देता है। महानगरीय संस्कृति, जगह की कमी, शास्त्रीय ज्ञान की कमी, फ्लैट सिस्टम तथा हाउसिंग सोसाइटीज द्वारा बनाए गए मकान इत्यादि कुछ प्रमुख कारण हैं जो किसी भी घर में स्त्रानघर तथा शौचालय को उचित स्थान पर नहीं बनने देते तथा वास्तु सम्मत निर्माण में विकार उत्पन्न कर देते हैं। इसके अतिरिक्त स्त्रानघर तथा शौचालय को एक ही साथ बनाने की इच्छा भी वास्तु योजना में दोष उत्पन्न कर देती है। स्त्रानागार तथा शौचालय को हल्के रूप में नहीं लेना चाहिए क्योंकि किसी अच्छे से अच्छे भूखण्ड, एक बढि़या से बढि़या द्वार योजना और उन्नत निर्माण के बावजूद भी स्त्रानागार और शौचालय यदि गलत जगह पर बना दिए गए तो शुभत्व में कमी लाते हैं।