बाथरूम हो वास्तु के अनुसार
शौचालय - शौचालय के लिए श्रेष्ठ स्थान है नैऋत्य कोण तथा दक्षिण दिशा के मध्य का स्थान। यहीं पर बना शौचालय शुभ होता है और वास्तु सम्मत निर्माण को पूर्ण करने तथा विकार न उत्पन्न होने की संभावना को जन्म देता है, यथा सम्भव यहां पर स्त्रानागार नहीं बनाएं। चारों मुख्य दिशाओं उत्तर, पूर्वक, पश्चिम तथा दक्षिण मध्य में शौचालय नहीं बनाया जाना चाहिए। चारों प्रमुख कोणों नैऋत्य, ईशान, वायव्य तथा अगिAकोण में तथा ब्रrा स्थान में शौचालय नहीं बनाया जाना चाहिए।