लॉकडाउन गरीबों पर एक प्रहार था: राहुल गांधी
नई दिल्ली। देश की खराब आर्थिक हालत पर हमला बोलते हुए कांग्रेस नेता राहुल
गांधी ने आरोप लगाया है कि बिना किसी तैयारी के लॉकडाउन लगाने से भारतीय
अर्थव्यवस्था को गहरा धक्का पहुंचा है और ये मोदी सरकार का असंगठित क्षेत्र
पर तीसरा बड़ा हमला है। अर्थव्यवस्था पर अपने चौथे वीडियो में बुधवार को
राहुल गांधी ने कहा, छोटे, सूक्ष्म और मझौले सेक्टर में काम करने वाले लोग
रोज कमाने खाने वाले हैं। जब आपने बिना किसी तैयारी के लॉकडाउन की घोषणा की
तो ये गरीबों पर हमला था।
राहुल गांधी ने कहा कि लॉकडाउन से देश को
कोई फायदा नहीं हुआ, क्योंकि कोरोनावायरस के मामले में भारत ब्राजील से
ऊपर दूसरे पायदान पर पहुंच चुका है। प्रधानमंत्री ने कहा था कि ये लड़ाई 21
दिनों की है। उसी 21 दिनों ने भारतीय अर्थव्यवस्था की कमर तोड़ दी, राहुल
गांधी ने कहा।
कांग्रेस नेता ने कहा कि सरकार ने कांग्रेस के किसी
भी सुझाव पर ध्यान नहीं दिया और जब वक्त आया लॉकडाउन खोलने का तो कांग्रेस
ने सरकार को बार-बार कहा कि ऐसे वक्त में गरीबों की मदद करना बेहद जरूरी
है। न्याय की तरह एक योजना की काफी दरकार थी जिसके तहत गरीबों के खाते
में सीधे पैसे डालने की जरूरत थी। लेकिन सरकार ने ऐसा नहीं किया।
कांग्रेस
पार्टी ने प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी को लिखे एक पत्र में सुझाव दिया था
कि छोटे, सूक्ष्म और मझौले व्यापार को सहारा देने के लिए एक पैकेज की जरूरत
है।
पैसे के बिना ये उद्योग धंधे बंद हो जाएंगे। लेकिन सरकार ने
कुछ नहीं कि या। इसके बदले सरकार ने 15-20 उद्योगपतियों के लाखों, करोड़ों
रूपए टैक्स के माफ कर दिए, राहुल गांधी ने कहा।
लॉकडाउन कोरोना पर
नहीं बल्कि गरीबों पर आक्रमण था। यह देश की युवा शक्ति, मजदूर, किसान और
छोटे दुकानदारों और असंगठित क्षेत्र में काम करने वाले लोगों पर आक्रमण था,
राहुल गांधी ने आगे कहा।
इससे पहले राहुल गांधी ने पिछले वीडियो
में जीएसटी और नोटबंदी को लेकर सवाल उठाए थे और कहा था कि नोटबंदी से
नुकसान ही नुकसान हुआ, कोई फायदा नहीं। काला धन भी वापस नहीं आया।
(आईएएनएस)
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