कागज पर पसन्द नहीं आई थी कहानी : सुजॉय घोष

कागज पर पसन्द नहीं आई थी कहानी : सुजॉय घोष

मात्र 8 करोड के बजट में फिल्म बनाने वाले निर्माता निर्देशक सुजॉय घोष ने सपने में भी नहीं सोचा था कि उनकी यह फिल्म बॉक्स ऑफिस पर 48 करोड से ज्यादा का व्यवसाय करके अपने आप में एक कीर्तिमान बनाएगी। महेश भट्ट की फिल्मों से भी कम बजट में फिल्म बनाकर सफलता प्राप्त करने वाले सुजॉय घोष का कहना है कि जब उन्होंने कहानी को कागज पर उतारा तो पसन्द नहीं आई थी।

दो फ्लॉप फिल्मों के बाद कहानी की सफलता से अभिभूत निर्देशक सुजॉय घोष का कहना है कि उन्होंने विद्या बालन को लेकर यह फिल्म बनाने का जोखिम लिया जो कागज पर बिल्कुल भी फिल्म बनाने लायक कहानी नहीं लग रही थी। वह ऎसी फिल्म बनाने को लेकर बहुत उत्साहित नहीं थे जिसकी शीर्ष कलाकार एक गर्भवती महिला हो, जिसमें कई सारे अनजान कलाकार हों और कहानी कोलकाता की पृष्ठभूमि में हो।

इससे पहले वह होम डिलिवरी तथा अलादीन जैसी फिल्में बना चुके हैं, जो बॉक्स ऑफिस पर असफल रहीं। सुजॉय ने कहा, यह पूरा विचार विद्या बालन के साथ काम करने का था। इसके अलावा एक फिल्मकार के तौर पर गर्भवती महिला को शीर्ष किरदार बनाकर थ्रिलर फिल्म तैयार करना भी बडी चुनौती थी। मैं दो फ्लॉप फिल्में कर चुका था इसलिए अनजानी दिशा में बढना चाहता था।

सुजॉय का लिया जोखिम उनके लिए कारगर सिद्ध हुआ और फिल्म कहानी रिलीज के कई दिन बाद भी सफलतापूर्वक पर्दे पर बनी रही है। उन्हें फिल्म के इस कदर हिट होने की उम्मीद नहीं थी। उन्होंने कहा, फिल्म की सफलता की कोई गारंटी नहीं थी क्योंकि जब आप कागज पर देखते तो इसमें वो सब कुछ दिखाई दे रहा था जो एक फिल्म में नहीं होना चाहिए। फिल्म की रोचक बात यह थी कि इसमें और कुछ नहीं बल्कि कलाकारों का अभिनय और कहानी बयां करने का तरीका पसंद आया। उन्होंने कहानी की सफलता के बाद विद्या और अमिताभ बच्चन के साथ एक बार फिर काम करने संबंधी खबरों पर केवल इतना कहा कि अब वह अपने बेटे के साथ समय बिताना चाहते हैं। सुजॉय ने कहा, अभी कागज पर कुछ भी नहीं है। फिलहाल मैं अपने बेटे के साथ रग्बी खेलना चाहता हूं।