पी.के. बनर्जी मेरे गॉडफादर थे : श्याम थापा

पी.के. बनर्जी मेरे गॉडफादर थे : श्याम थापा

कोलकाता। भारतीय फुटबाल टीम के महान स्ट्राइकर श्याम थापा ने पी.के. बनर्जी के निधन पर शोक जताते हुए कहा वह जो कुछ भी थे बनर्जी के कारण ही थे। बनर्जी का शुक्रवार को सीने में संक्रमण के कारण 83 साल की उम्र में निधन हो गया।

बनर्जी के निधन पर भारतीय फुटबाल जगत में शोक का माहौल है। थापा ने कहा कि अगर उन्हें बनर्जी का मार्गदर्शन नहीं मिला होता तो वह अच्छे स्ट्राइकर नहीं बन पाते।

थापा ने आईएएनएस से कहा, मैं जब 1975 में ईस्ट बंगाल में था तब मैंने मोहन बाहान के चार डिफेंडरों को छकाते हुए गोल किया था। प्रदीप दा मेरे कोच थे। हां, मैंने गोल किया लेकिन आपको विश्वास नहीं होगा कि यह प्रदीप दा के कारण संभव हो सका था। इसे मानने के लिए आपको इस देखना होगा। वह जादुई थे।

इसके तीन साल बाद 1978 में कलकत्ता फुटबाल लीग मोहन बागान से खेलते हुए थापा ने ईस्ट बंगाल के खिलाफ बेहतरीन वॉली गोल किया था। यह गोल भी एक तरह से जादुई गोल था जिसे अभी तक याद किया जाता है।

थापा ने कहा कि इस गोल का श्रेय भी बनर्जी को जाता है।

थापा ने कहा, वो ऐसा गोला था जिसके बारे में मुझे अभी तक पूछा जाता है। लोग मुझे सड़क पर देखते हैं और उस गोल को याद करते हैं। लेकिन अगर आप मुझसे पूछेंगे तो उसका श्रेय भी प्रदीप दा को जाता है। सिर्फ तकनीकी कारणों से नहीं बल्कि उन्होंने मुझे प्रेरित किया था। सिर्फ मुझे नहीं सभी को, आप चाहें तो टीम के किसी भी सदस्य से पूछ हें। वह बता देंगे।

थापा ने कहा, मैंने प्रदीप दा के मार्गदर्शन में भी खेला है। वो बेहतरीन नेतृत्वकर्ता थे। मैं इस तरह के माहन कोच के मार्गदर्शन में नहीं खेला। वह बेहतरीन इंसान थे और ऐसे शख्स जो मेरे अंदर से मेरा सर्वश्रेष्ठ निकालना चाहते थे। मैं श्याम थापा इसलिए हूं क्योंकि मेरे पास मेरा मागदर्शन करने के लिए प्रदीप कुमार बनर्जी बनो। वो मेरे गॉफादर थे। (आईएएनएस)

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