पाक संसद में हिंदू मैरिज बिल हुआ पारित

पाक संसद में हिंदू मैरिज बिल हुआ पारित

पाकिस्तान की संसद में लंबे समय से लंबित पड़े हिंदू मैरिज बिल को पारित कर दिया गया है। इस बिल में हिंदुओं की शादी, परिवार, मां और बच्चे को सुरक्षा प्रदान करने की बात की गई है। अब पाकिस्तान में अल्पसंख्यक समुदाय हिंदुओं से जुड़े अहम मसलों को कानूनी जामा पहनाया जा सकेगा। इससे पाकिस्तान में हिंदुओं की शादियों का रजिस्ट्रेशन हो सकेगा।  इनके अलावा तलाक और जबरन धर्मपरिवर्तन जैसे मसलों का आसानी से समाधान निकाला जा सकेगा। अब तक यहां हिंदू समुदाय के लोगों खासकर महिलाओं को अपनी शादी को साबित करने के लिए कोई दस्तावेज नहीं होता था।इनके अलावा यह समुदाय पुनर्विवाह, संतान गोद लेने और उत्तराधिकार जैसे कानूनी अधिकारों से वंचित था। पाकिस्तान में हिंदुओं की आबादी वहां की जनसंख्या का महज 2 फीसदी है, 1998 की जनगणना के मुताबिक पाकिस्तान में हिंदुओं की आबादी करीब 25 लाख थी।पाकिस्तान में हिंदू मैरेज बिल के ड्राफ्ट के मुताबिक शादी के 15 दिनों के भीतर इसका रजिस्ट्रेशन कराना होगा, जबकि भारतीय कानून में इसके लिए कोई खास प्रावधान नहीं है। भारतीय हिंदू विवाह अधिनियम की धारा 8 में कहा गया है कि शादियों के रजिस्ट्रेशन के बारे में राज्य सरकारें कानून बना सकती हैं। पाकिस्तान में बिल के मुताबिक शादी के समय हिंदू जोड़े की उम्र 18 साल या उससे अधिक होनी चाहिए, जबकि भारत में हिंदू विवाह अधिनियम के तहत लडक़े की उम्र 21 साल और लडक़ी की उम्र 18 साल या उससे अधिक होनी चाहिए।