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मोदी की "मन की बात" : पोछेंगे नेपाल के आंसू, देंगे साथ

नई दिल्ली। आज मन की बात में पीएम मोदी ने कहा मन की बात करने का आज मन नहीं कर रहा था। बोझ अनुभव कर रहा हूं, व्यथित मन है पिछले महीने जब बात कर रहा था, ओले गिरने की बात, तबाही अभी कुछ दिन पहले बिहार में तेज हवाएं चलीं और कई लोग मारे गए और शनिवार को भयंकर भूकंप ने पूरे विश्व को हिला दिया है। ऎसा लगता है कि प्राकृतिक आपदा का सिलसिला चल प़डा है। नेपाल में भारत में भी अलग-अलग राज्यों में लोगों की जान गई, मैंने 2001 26 जनवरी कच्छ के भूकंप को देखा है। मैंने महसूस किया है।

नेपाल पर क्या बीतती होगी। उनके परिवार पर क्या बीतती होगी, मैं अच्छी तरह समझता हूं। भारत आपके साथ है, नेपाल में या फिर भारत में जहां भी दिक्कत है, हमने सहायता देनी शुरू कर दी है। सबसे पहले रेस्क्यू ऑपरेशन करना है जो मलबे में फंसे हैं, उन्हें जिंदा निकालना हैं। स्पेशलिस्ट के अलावा स्त्रिफर डॉग्स को भी भेजा है। कोशिश होगी जिंदा लोगों को बचाया जाए। इसके बाद रिहेबिलिटेशन करना। इस त्रासदी में नेपाली लोगों के आंसू भी पोछेंगे और साथ भी देंगे।

यमन में भी हमारे भारतीय भी फंसे थे, उस दौरान गोलीबारी के दौरान भारतीयों को बचाना बहुत ब़डी बात है। उस दौरान एक छोटे बच्चे को बचाना बहुत संतोष होता है। यमन में हमने 48 देशों के लोगों को बचाया था। अमेरिका से लेकर जापान तक दुनिया ने सेवा परमोधर्म की अनुभूति की थी। हमारे तीनों सेना ने धैर्य के साथ इस काम को किया है।

फ्रांस गया तो वहां विश्व युद्ध प्रथम की निशानियों पर गया। वहां भारतीयों के पराRम की शौरगाथा वर्णित है, इसमें 15 लाख भारतीयों ने अपनी जान की बाजी लगा दी थी। ये लोग अपने लिए नहीं मर रहे थे, इसमें 74 हजार लोगों ने शहादत दी थी।