राम का जन्म आस्था का विषय तो तीन तलाक क्यों नहीं ?, SC में सिब्बल की दलील

राम का जन्म आस्था का विषय तो तीन तलाक क्यों नहीं ?, SC में सिब्बल की दलील

नई दिल्ली। सुप्रीम कोर्ट में पिछले चार दिनों से चल रही तीन तलाक पर सुनवाई के दौरान मंगलवार को ऑल इंडिया मुस्लिम पर्सनल लॉ बोर्ड का पक्ष वरिष्ठ वकील कपिल सिब्बल ने रखा। उन्होंने इस दौरान कहा कि तीन तलाक मुस्लिमों की आस्था का मुद्दा है। उन्होंने कोर्ट में दलील दी कि तीन तलाक पिछले 1400 वर्षों से जारी है, साथ ही सिब्बल ने भगवान राम के विवादित मुद्दे पर कहा कि अगर राम का अयोध्या में जन्म होना आस्था का विषय  है तो फिर तीन तलाक का मुद्दा क्यों नहीं? कपिल ने तीन तलाक अमान्य होने की स्थिति में नया कानून लाने के केंद्र के बयान पर भी सवाल उठाए।

सुप्रीम कोर्ट में एआईएमपीएलबी का पक्ष रखते हुए सिब्बल ने कई दिलचस्प बातें सामने रखी। कहा, मुस्लिम समाज पिछले 1400 वर्षों से तीन तलाक की प्रथा को अपनाए हुए हैं जो कि उनकी आस्था और विश्वास का मामला है इसको आप असंवैधानिक कैसे कह सकते है? सिब्बल ने महिला अधिकारों पर मजबूती से अपना पक्ष रखते हुए कहा कि इस्लाम धर्म ने महिलाओं को पहले ही कई अधिकार दिये हुए हैं। परिवार और पर्सनल लॉ संविधान के तहत हैं, यह व्यक्तिगत आस्था के विषय हैं। मामले पर सुनवाई जारी है।

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