आर्थिक वृद्धि के अनुमान में की जा सकती है कमी

आर्थिक वृद्धि के अनुमान में की जा सकती है कमी

नई दिल्ली। औद्योगिक उत्पादन वृद्धि के जनवरी के संशोधित आंक़डों में भारी गिरावट के बाद वित्त वर्ष 2011-12 की आर्थिक वृद्धि के अनुमान में भी कमी की जा सकती है। पिछले वित्त वर्ष की आर्थिक वृद्धि 6.9 प्रतिशत रहने का अनुमान लगाया गया है।

वित्त मंत्रालय के एक अधिकारी ने कहा कि सरकार 2011-12 के सकल घरेलू उत्पाद (जीडीपी) के आंक़डों को कम कर सकती है। जनवरी के आईआईपी आंक़डों में संशोधन का आर्थिक वृद्धि पर प़डने वाले प्रभाव का आकलन करने के लिए आर्थिक मामलों के विभाग के अधिकारियों की जल्दी ही बैठक होगी। सरकार के अनुमान के अनुसार वित्त वर्ष 2011-12 में आर्थिक वृद्धि दर 6.9 प्रतिशत रहेगी। जनवरी में औद्योगिक वृद्धि दर 6.8 प्रतिशत रहने के आधार पर आर्थिक वृद्धि का आंक़डा तैयार किया गया था।

हालांकि केंद्रीय सांख्यिकी संगठन (सीएसओ) के अनुसार जनवरी में औद्योगिक वृद्धि पूर्व के 6.8 प्रतिशत के अनुमान के विपरीत संशोधित अनुमान में 1.1 प्रतिशत ही रही। संशोधित आंक़डों को शामिल करने के बाद वित्त वर्ष 2011-12 की अप्रैल- जनवरी अवधि में सकल वृद्धि 4 प्रतिशत से घटकर 3.4 प्रतिशत रह जाएगी। सूत्रों के अनुसार आईआईपी में कमी से पिछले वित्त वर्ष के आर्थिक वृद्धि के आंक़डों पर असर प़ड सकता है। पिछले वित्त वर्ष में आर्थिक वृद्धि दर 6.9 प्रतिशत रहने का अनुमान है जो पिछले तीन वित्त वर्ष में सबसे कम होगी। वित्त मंत्री प्रणव मुखर्जी पहले ही संबंधित अधिकारियों से औद्योगिक उत्पादन सूचकांक को कम किए जाने के प्रभाव का आकलन करने को कह चुके हैं। उन्होंने संशोधित आईआईपी में भारी गिरावट आने को परेशान करने वाला बताया। मुखर्जी ने कहा कि अगर 0.2 प्रतिशत में 0.1 प्रतिशत आकलन में अगर कोई गलती होती है तो मैं यह समझ सकता हूं लेकिन 6.8 प्रतिशत 1.1 प्रतिशत होना, यह पूरी तरह परेशान करने वाला है।