अफरीदी पर फैसला पाक न्याय व्यवस्था का मजाक : अमरीकी विशेषज्ञ

अफरीदी पर फैसला पाक न्याय व्यवस्था का मजाक : अमरीकी विशेषज्ञ

वाशिंगटन। अमेरिका की एक विशेषज्ञ का मानना है कि ओसामा बिन लादेन का पता लगाने में मदद करने वाले डाक्टर पर अभियोग आतंकवाद के खिलाफ पाकिस्तान के ढुलमुल रवैये को दर्शाता है। साथ ही यह पाकिस्तान के कानून का मजाक भी है। हेरीटेज फाउंडेशन की लिजा कर्टिस का मानना है कि शकील अफरीदी पर अभियोग से आतंकवाद विरोधी अभियान में पाकिस्तान की विश्वसनीयता पर सवाल पैदा होता है।

लिजा ने एक आलेख में कहा कि अपनी संप्रभुता को बनाए रखने के लिए पाकिस्तानी नेता इस बात पर जोर दे रहे हैं कि लादेन के खिलाफ अमेरिका ने एकतरफा कार्रवाई क्यों की और आतंकवाद के खिलाफ पाकिस्तान की प्रतिबद्धता पर अंतरराष्ट्रीय समुदाय क्यों सवाल खडे करता है। लिजा का मानना है कि ऎसे अदूरदर्शी प्रयास पाकिस्तान की अंतरराष्ट्रीय छवि को नुकसान ही पहुंचाएंगे। फिर इस्लामाबाद के लिए अंतरराष्ट्रीय समुदाय को यह यकीन दिलाना बहुत मुश्किल होगा कि वह आतंकवाद के खिलाफ लडने और उसे शरण न देने के लिए प्रतिबद्ध है।

लिजा कहती हैं कि अफरीदी की सुरक्षित रिहाई के लिए मदद करना अमेरिका का दायित्व है। हालांकि मीडिया में खबरें थीं कि अफरीदी ने अमेरिकी सरकार का वह प्रस्ताव ठुकरा दिया था जिसमें उसे लादेन पर हमले के तुरंत बाद देश छोडने के लिए कहा गया था। अफरीदी को सजा देने को अमेरिकी-पाक रिश्तों में एक नई समस्या के तौर पर देखने वाली लिजा ने लिखा है कि पाकिस्तान न छोडने की सोच गलत राय थी।

अफरीदी को कडी सजा देकर पाकिस्तान अमेरिका के साथ अपने रिश्तों के प्रति अपनी अदूरदर्शी सोच का ही परिचय दे रहा है। ऎसे अदूरदर्शी प्रयास पाकिस्तान की अंतरराष्ट्रीय छवि को नुकसान ही पहुंचाएंगे।