ब्रेक्सिट: रुपये में गिरावट थामने को आरबीआई ने उठाए कदम
मुंबई। ब्रिटेन में हुए जनमत संग्रह में यूरोपीय संघ से अलग होने
(ब्रेक्सिट) के फैसले का जबर्दस्त दबाव अचानक शुक्रवार को देश की मुद्रा
रुपये पर देखने को मिला। इसमें भारी गिरावट को रोकने के लिए भारतीय रिजर्व
बैंक (आरबीआई) ने कदम उठाए हैं।
रुपया डॉलर के मुकाबले 71 पैसे कमजोर
होकर 67.96-97 पर पहुंच गया। पिछले दिन रुपया 67.25-26 पर बंद हुआ था।
दिनभर के कारोबार में रुपये में भारी गिरावट देखी गई। ब्रेक्सिट के फैसले
के बाद रुपये ने 1.4 फीसदी गिरावट के साथ 68.22 का निचला स्तर छू लिया था।
इसी
समय ब्रिटेन की मुद्रा पाउंड स्टर्लिंग ने भी 11 फीसदी गिरावट के साथ
1.3224 डॉलर का स्तर छू लिया था, जो तीन दशकों से अधिक अवधि का निचला स्तर
है।
रुपये के मुकाबले भी पाउंड स्टर्लिंग में गिरावट देखी गई। पाउंड
93.08 रुपये पर पहुंच गया, जो पिछले दिन करीब 100 रुपये पर बंद हुआ था।
करंसी
में इस अनिश्चितता को खत्म करने के लिए आरबीआई ने डॉलर के लिए संदर्भ
मूल्य 68.01 रुपये तय किया है, जो यूरो के लिए 75.10 रुपये, पाउंड स्टर्लिग
के लिए 92.95 रुपये और 100 येन के लिए 66.45 रुपये तय किया गया है। मुद्रा
कारोबार के विश्लेषकों के मुताबिक, आरबीआई द्वारा सरकारी बैंकों के जरिए
डॉलर की बिकवाली के बाद रुपया संभला।
केंद्रीय वित्तमंत्री अरुण जेटली
और आरबीआई गवर्नर रघुराम राजन ने शेयर और मुद्रा बाजार को ढाढस बंधाने की
कोशिश की। उन्होंने कहा कि भारतीय अर्थव्यवस्था की बुनियाद मजबूत है, इसलिए
घबराने की जरूरत नहीं है। राजन ने कहा, आरबीआई देश-विदेश के बाजारों पर
चुस्त निगाह बनाए हुए है और वित्तीय बाजार को सुचारू बनाए रखने के लिए
तरलता बढ़ाने सहित सभी कदम उठाएगा।
कोटक सिक्युरिटीज के करेंसी
डेरीवेटिव्स कारोबार के सहायक उपाध्यक्ष अनिंद्य बनर्जी ने कहा, निकट अवधि
में हम अत्यधिक उतार-चढ़ाव की उम्मीद करते हैं। हमारी बुनियाद यद्यपि मजबूत
है, फिर भी सुस्त विकास का माहौल और जोखिम वाली संपत्तियों के अत्यधिक
मूल्यांकन के कारण रुपये में डॉलर और येन के मुकाबले गिरावट दर्ज की जा
सकती है। बनर्जी ने कहा कि रुपया मध्य अवधि में 67-69 के दायरे में रह सकता
है।
सेंट्रम डायरेक्ट के ट्रेजरी और बैंक नोट कारोबार के प्रमुख तथा
वरिष्ठ उपाध्यक्ष हरिप्रसाद एमपी ने कहा कि ब्रेक्सिट का फैसला एक झटका है,
क्योंकि बाजार को उम्मीद थी कि ब्रिटेन यूरोपीय संघ में बने रह सकता है।
उन्होंने कहा, रुपया शेयर बाजार के गिरावट से उबरने और आरबीआई के संभावित
हस्तक्षेप से भी संभल गया। उन्होंने कहा, डॉलर-रुपया विनिमय दर के मामले
में तात्कालिक लक्ष्य 68.20 है और यदि यह स्तर हासिल हो जाता है तो रुपया
और कमजोर होकर 69.00 के स्तर तक गिर सकता है।