सुहागिन के लिए मंगलसूत्र क्यो

सुहागिन के लिए मंगलसूत्र क्यो

तत्पश्चात नारियल एवं सुपारी पर अक्षत चढाकर गणेश विसर्जन करें। इसके बाद श्री रूक्मणी स्वयंवर गंरथ का वाचन प्रारंभ करें। पहले दिन संकल्प एवं गणेश पूजन करने के बाद प्रतिदिन यह कर्म करना जरूरी नहीं है। एकनाथ कृत श्री रूक्मिणी स्वयंवर का पाठ निम्नानुसार Rम से होना चाहिए- प्रथम दिन- अध्याय Rमांक 7 से 1,2 से 7 द्वितीय दिन-अध्याय Rमांक 7 से 3,4 से 7 तृतीय दिन- अध्याय Rमांक 7 से 5,6 से 7 चतुर्थ दिन- अध्याय Rमांक 7 से 8,8 से 7 पंचम दिन- अध्याय Rमांक 7-9-10-7 षष्टम दिन- अध्याय Rमांक 7-11-12-7 सप्तम दिन- अध्याय Rमांक 7-13-14-7 अष्टम दिन- अध्याय Rमांक 7-15-16-7 नवम दिन- अध्याय Rमांक 7-17-18-7