प्रेम का रंग लाल क्यों होता है!
महिला गुलाबी रंग से सराबोर महिला को शक्ति ही नहीं प्रेम की मूर्ति भी कहा गया है एक तौर पर स्त्री पर स्त्री ही है जो पुरूष को उत्तेजित करती है, उसकी खूबसरती देखने वालों की आंखों में प्यार और प्यास दोनों पैदा करती है। इतना ही नहीं बडे-बडे शायर और कवियों ने स्त्री को ही प्यार की परिभाषा व मूर्ति कहा है तभी तो उनकी शायरी में गजलों में स्त्री केंद्र पर रही है और तो और नक्काशियों और चित्रकारों में भी स्त्री के शरीर और रूप का प्रयोग किया गया है। यदि पुरूष को हम आसमानी रंग से दर्शाते हैं तो स्त्री को गुलाबी रंग से दर्शाते हैं। स्त्री की गुलाबी आंखें, गुलाबी गाल और गुलाबी होंठ सभी कुछ एक आकर्षण व प्यार पैदा करते हैं और जब यह प्यार और गहरा हो जाता है।