क्या है सोलह संस्कार और क्यों सब के लिए है आवश्यक

क्या है सोलह संस्कार और क्यों सब के लिए है आवश्यक

संस्कार का सामान्य अर्थ है-किसी को संस्कृत करना या शुद्ध करके उपयुक्त बनाना। किसी साधारण या विकृत वस्तु को विशेष कियाओं द्वारा उत्तम बना देना ही उसका संस्कार है। इसी तरह किसी साधारण मनुष्य को विशेष प्रकार की धार्मिक किया-प्रकियाओं द्वारा श्रेष्ठ बनाना ही सुसंस्कृत करना कहा जाता है। संस्कार के पालन से मिलती है आयु-आरोग्यता। । भारतीय संस्कृति में सोलह संस्कार बताए गए हैं। इन संस्कारों के अनुसार जीवन-यापन करने से मनुष्य जीवन के लक्ष्य को प्राप्त कर सकता है। इसमें उपनयन संस्कार की विशेष महत्ता है। इस संस्कार के साथ ही बालक ब्रहमचर्य आश्रम में प्रवेश करता है। ब्रहमचर्य के नियम कायदों का पालन करने से आयु-आरोग्यता और जीवन में सफलता मिलती है। आज अभिभावकों को इस बात का ध्यान रखना चाहिए कि वे उपनयन संस्कार के नियमों का पालन करें।