जानिये:आशा पारेख की कुछ अनजानी बातों के बारे में
नसीर हुसैन के साथ अफेयर की अफवाह उडी पर जल्द ही ठंडी पड गई। आशा पारेख की जिन्दगी में इफ व बट काफी रहे हैं। हालांकि इन्होंने कडे फैसले भी लिए व परिणाम की खास परवाह नहीं की। ‘दिल देके देखो’ में पहले वहीदा रहमान का नाम था, अचानक फैसला आशा के पक्ष में गया। आशा ने स्वयं ‘कश्मीर की कली’ व ‘ऐन ईवनिंग इन पेरिस’ में काम करने से इनकार किया और लाभ शर्मिला टैगोर को मिला। इसी तरह शराफत व सीता-गीता ठुकराई और फायदा हेमा मालिनी को हुआ। कटी पतंग की भूमिका के लिए आशा पारेख को फिल्मफेयर की बेस्ट एक्ट्रेस भी चुना गया था। बाद में 2001 में आशा पारेख को फिल्मफेयर का लाइफ एचीवमेंट पुरस्कार भी दिया गया था। सन् 1992 में आशा पारेख को पद्मश्री से नवाजा गया।