जानिये, क्यों रह गई मधुबाला की प्रेम-कहानी अधूरी...
खबरों की मानें तो दिलीप और मधुबाला का रिश्ता सगाई तक पहुंच गया था, लेकिन
शादी से पहले दिलीप ने मधुबाला के सामने एक ऐसी शर्त रख दी, जिसे निभाना उसके लिए संभव नहीं था। दरअसल,
मधुबाला अपने पिता से बेहद प्यार करती थीं और दिलीप की यह बात उन्हें पसंद
नहीं आई, जिस वजह से उन दोनों के बीच आए दिन झगडे होने लगे। 1956 में बात
और बिगड गई, जब फिल्म नया दौर की शूटिंग के लिए बी आर चोपडा ने भोपाल में
शूटिंग का फैसला किया। मधुबाला के पिता को मुंबई से बाहर जाकर शूटिंग
करना मंजूर नहीं था, लिहाजा बीआर चोपड़ा ने फिल्म में मधुबाला की जगह बैजंती माला
को साइन कर लिया। कहते हैं कि दिलीप कुमार ने भी बी आर चोपडा का साथ
दिया।
-> पुरुषों की इन 5 खूबियों पर मर-मिटती हैं महिलाएं