जानिये, क्यों रह गई मधुबाला की प्रेम-कहानी अधूरी...

जानिये, क्यों रह गई मधुबाला की प्रेम-कहानी अधूरी...

ग्लैमर जगत में जब प्रेम कहानियों की चर्चा होती है, तो मुधबाला और दिलीप कुमार की प्रेम कहानी भला कोई कैसे भूल सकता है, इस प्रेमकहानी की शुरूआत 1957 में फिल्म तराना से शुरू हुई, दिलीप कुमार और मधुबाला पहली नजर में ही एक दूसरे के प्यार में गिरफ्तार हो गए। खास बात यह रही कि मोहब्बत का इजहार मधुबाला ने खुद किया, उन्होंने गुलाब के फूल के साथ एक चिट्ठी दिलीप कुमार को भिजवाई, जिसमें लिखा था अगर आप मुझसे मोहब्बत करते हैं तो यह गुलाब का फूल कबूल करें। दिलीप ने मुस्कुराते हुए वह फूल कबूल कर लिया।
ये दोनों स्टार्स मोहब्बत में इतने डूब गए थे कि मधुबाला जहां भी शूटिंग करतीं, दिलीप कुमार सेट पर पहुंच जाते। दोनों की प्रेम कहानी में मधुबाला के पिता अताउल्ला खान विलेन बन बैठे, अताउल्ला मधुबाला के साथ हमेशा सेट पर मौजूद रहते थे और उन पर कडी नजर रखते थे, वो दिलीप और मधुबाला की नजदीकियों को भी भांप गए थे। सेट पर हर चीज के लिए टोकते रहते थे, जिस वजह से दिलीप कुमार उनको नापसंद करने लगे।


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