ऑफिस में बचें इन 5 मिस्टेक्स से
बात-बात पर गुस्से ना करें ऑफिस में जब गुस्से पर काबू नहीं रहता, तब आप खुलकर लाल-पीले होते हैं या फिर अपनी खोल में सिकुड जाते हैं। दरअसल, ये दोनों बिहेवियर ही सही नहीं हैं। ज्यादातर केसेज में यही सही होता है कि तुरंत रिएक्ट करने से बचें। क्योंकि इससे आप सबकी नजरों में सेंसिटिव साबित हो जाते हैं। जबकि चुपचाप किसी का गुस्सा झेल लेने से आपकी सॉफ्ट टारगेट बन जाते हैं। इसलिए बैलेंस होकर अपनी बात कह डालें। बेहतर होगा कि अपने गुस्से की वजह को पेपर पर लिख लें। फिर गुस्सा थम जाने पर इसे पढें, तब आगे बात करें। कई बार गुस्से की वजह लोगों, सिचुएशन और प्रोसेस के बारे में आपके नेगेटिव थॉट्स भी होते हैं। असल में, गुस्से में आप कूल रहने से कहीं ज्यादा एनर्जी, एफर्ट और टाइम वेस्ट करते हैं। इसलिए चीजों को पॉजिटिव नजरिए से देखने की कोशिश करें।