सेहत से बड़ा कोई नशा नहीं, तंबाकू छोड़ने का समय अब है

सेहत से बड़ा कोई नशा नहीं, तंबाकू छोड़ने का समय अब है


लेखिका -डॉ. शिवानी स्वामी, एचओडी- पल्मोनोलॉजी, अमर जैन अस्पताल, जयपुर

जयपुर। हर साल 31 मई को वर्ल्ड नो टोबैको डे मनाया जाता है, और भारत के लिए यह दिन बेहद महत्वपूर्ण है। इसका कारण यह है कि भारत दुनिया का दूसरा सबसे बड़ा तंबाकू उत्पादक और उपभोक्ता देश है। तंबाकू सेवन के कारण हर साल लगभग 13.5 लाख लोगों की मृत्यु हो जाती है। यह नुकसान केवल सिगरेट पीने से नहीं होता, बल्कि बिना धुएं वाले तंबाकू जैसे गुटखा, खैनी और अब ई-सिगरेट्स से भी हो रहा है।

ई-सिगरेट्स पर भारत में प्रतिबंध है, इसके बावजूद इनका उपयोग बढ़ रहा है। ये न केवल उपभोक्ताओं के स्वास्थ्य के लिए हानिकारक हैं, बल्कि पर्यावरण के लिए भी नुकसानदेह हैं। यही कारण है कि इन्हें प्रतिबंधित किया गया है।

डॉक्टरों का कहना है कि तंबाकू छोड़ना आपकी सेहत के लिए सबसे बड़ा बदलाव हो सकता है। छोड़ने के सिर्फ 20 मिनट बाद से शरीर में सकारात्मक परिवर्तन शुरू हो जाते हैं। दो हफ्ते, एक साल और बीस साल तक तंबाकू से दूर रहने पर लंबे समय तक स्वास्थ्य में बहुत सुधार देखा जा सकता है।

जब भी कोई मरीज तंबाकू का सेवन करता है, तो हर डॉक्टर विज़िट पर उसे इसे छोड़ने के लिए प्रेरित किया जाना चाहिए। इससे कैंसर, सीओपीडी, फेफड़ों का कैंसर, मूत्राशय का कैंसर, मुंह का कैंसर जैसी गंभीर बीमारियों से बचाव संभव है। तंबाकू से जुड़ी बीमारियों की सूची बहुत लंबी है।

इसलिए आज ही अपने दोस्तों और परिवार वालों से कहें कि वे तंबाकू छोड़ दें। तंबाकू के खिलाफ एक साथ खड़े हों, क्योंकि सेहत से बढ़कर कुछ नहीं होता।ये भी पढ़ें - अपने राज्य / शहर की खबर अख़बार से पहले पढ़ने के लिए क्लिक करे

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