त्यौहारों में होते हैं कई प्रकार के टोटके

त्यौहारों में होते हैं कई प्रकार के टोटके

इंसान चांद पर चला गया है और सूरज पर जाने की संभावनाओं पर बातें कर रहा है। वैज्ञानिक हर चीज का अस्तित्व तलाशने में लग हैं। इसके लिए शोध किए जा रहे हैं। इस पर करोडों-अरबों रूपए खर्च किए जा रहे हैं। इस तकनीकी युग में बडे तो क्या बच्चो भी हर बात का प्रमाण मांगने में लगे हैं। अब माता-पिता के लिए उनकी बातें टालना आसान नहीं रह गया है। वे उन चीजों पर तग तक भरोसा नहीं करना चाहते जब तक उसका कोई ठोस परिणाम ना मिले। इसलिए धरती पर उपस्थिति सजीव और निर्जीव हर वस्तु के अस्तित्व का रहस्य सुलझाने की दिशा में कार्य चल हरे है। असके बाद मिले परिणामों के आधार पर सच और झूठ का फैसला लिया जाता है। लेकिन अभी भी कई सवाल अनुतरित हैं, जिनका सच जानने के प्रयास में वैज्ञानिक निरंतर लगे हैं। टोने-टोटाकों को भी इसमें शामिल किया जा सकता है। अब त्यौहारों का सिलसिला शुरू होने वाला है, तो इससे बचने के लिए कई घरों में घरेलू टोटके किए जाने लगते हैं। घर की बुजुर्ग या उम्रदराज महिलाओं को इसमें विशेष् रूचि होती है। साथ ही उन्हें इस तरह के कार्या में विशेषता भी हासिल होती है। यह केवल गांवों ओर कस्बों तक ही सीमित नहीं, बल्कि छोटे-बडे शहरों में भी किया जाता हैं। इसके अलावा यह केवल छोटे-छोटे बच्चो तक ही सीमित नहीं होता है, अधिक आयु के युवा भी इसमें शामिल होते हैं। देश के कई प्रांतों में दुर्गा पूजा शुरू होते ही यानी प्रथमा से माएं सजग हो जाती हैं। उनकी यह सजगता दीपावली के खत्म होने तक बनी रहती है।