फिर तो सच्चे दिल से कह पाएंगे...

फिर तो सच्चे दिल से कह पाएंगे...

14 अगस्त 1947 को रात 11 बजे संघटक सभा द्वारा भारत की स्वतंत्रता को मनाने की बैठक आरंभ हुई, जिसमें अधिकार प्रदान किए जा रहे थे। जैसे ही घडी में रात के 12 बजे भारत को आजादी की मिल गई और अब यह एक स्वतंत्र देश बन गया । तत्कालीन स्वतंत्र भारत के प्रथम प्रधानमंत्री पंडित जवाहरलाल नेहरू ने अपना प्रसिद्ध भाषण दिया । इसके बाद तिरंगा झण्डा फहराया गया और लाल किले के प्राचीन से राष्ट्रीय गान गाया गया। आज स्वतंत्रता दिवस समीप आते ही सभी ओर खुशियां फुल जाती हैं। यह ऎसा समय है जब सभी प्रमुख शासकीय भवनों को रोशनी से सजाया जाता है और तिरंगा झण्डा घरों तथा अन्य भवनों पर फहराया जाता है। स्वतंत्रता दिवस- 15 अगस्त एक राष्ट्रीय अवकाश है, इस दिन के अवकाश का मह�व प्रत्येक नागरिक को दशकों पहले हमारे बहादुर स्वतंत्रता सेनानियों द्वाराकिए गए बलिदान को याद करके समझना चाहिए और अपनी आजादी का जश्न मनाना चाहिए। स्वतंत्रता के एक सप्ताह पहले से ही श्हीदों की कहानियों के बारे में फिल्में दिखाई जाती है और राष्ट्रीय भावना से सम्बन्धित कहानियां और रिपोर्ट प्रकाशित की जाती है। विशेष प्रतियोगिताओं और कार्यक्रमों के आयोजन द्वारा देश भक्ति की भावना को प्रोत्साहन दिया जाता है।