हस्तरेखा बताती है कि किस देवता की पूजा से होंगे रातोंरात चमत्कार
कुछ मनुष्य तो अपने अनुभवजन्य गुणों से अपने देवता की प्रकृति के नजदीक देर सबेर आ जाते हैं परंतु कुछ भटकते रहते हैं। ऐसे भटकने वाले पुरुष अगर किसी योग्य हस्तरेखा शास्त्री के पास जाकर जानकारी प्राप्त करें तो उन्हें इस परेशानी से मुक्ति मिल सकती है। जी हां हाथ की रेखाएं बता सकती हैं कि किस देवी-देवता की पूजा ज्यादा लाभकारी होगी। अमुक हाथ की रेखाओं के माध्यम से ये जाना जा सकता है कि अमुक व्यक्ति के लिए अमुक देवता लाभदायी होगा। हाथ की रेखाओं में कुछ ऐसे संस्कारों की व्याख्या होती है जो आपके अंदर छुपी देवता की प्रकृति को स्पष्ट करती है।
यदि हाथ में शनि की अंगुली सीधी हो, शनि ग्रह मध्य हो ते ऐसे व्यक्तियों को शनि देव की स्तुति अवश्य करनी चाहिए। नित्य शनि मंत्र का 108 बार जाप करने से मनुष्य के जीवन में सुख शांति व समृद्धि आती है। मंत्र - ऊँ प्रां प्रीं प्रौं सह शनिश्चराय नमः।
यदि हृदय रेखा पर त्रिशूल बनता हो, उंगलियां चाहे टेढ़ी-मेढ़ी हों तो इन्हें भगवान शिव की आराधना व उन्हें ही अपना आराध्य मानना चाहिए। इससे जीवन में आने वाले कष्टों से मुक्ति मिलती है। ऊँ नमः शिवाय का जाप हितकारी है।
यदि हृदयरेखा के अंत पर एक शाखा गुरु पर्वत पर जाती हो तो इन्हें भक्त प्रवर हनुमान जी का पूजन करना चाहिए जिससे जीवन में आने वाली विपदाएं दूर होती हैं। ऊँ नमो हनुमंता या हनुमान चालीसा का पाठ करने से सुख शांति मिलती है।