दीवारों के रंग तय करते हैं आपका मूड

दीवारों के रंग तय करते हैं आपका मूड

रखें ख्याल कमरे का समूचा प्रभाव रंग के वजन पर निर्भर करता है। हल्के रंगों का वजन हल्का होता है, जबकि गहरे रंग बहुत भारी होते हैं और उनका इस्तेमाल बहुत ही सोच समझ कर करना चाहिए। कमरे में तीन से ज्यादा रंग कभी इस्तेमाल नहीं करने चाहिए वरना उसमें भटकाव का अहसास होगा। रंगों के चुनाव के साथ लाइट भी कमरे की साज-सज्जा में अहम भूमिका अदा करती है। रंग उजाले में उभर कर आते हैं और लाइट के जरिए उनके प्रभाव को पूरी तरह इस्तेमाल किया जा सकता है। आरामदायक अहसास देने के लिए कोनों में हल्की लाइटें अच्छी होती हैं। एक खास माहौल बनाने के लिए अक्सर रंग इस्तेमाल किए जाते हैं। ऑफिस में अक्सर पीला रंग इस्तेमाल किया जाता है ताकि लोगों को ऊर्जा का अहसास हो। वहीं लोगों को आमंत्रित करने के लिए दुकानों और स्टोर्स में लाल रंग। किंडरगार्टेन किचन के लिए सही नही हैं क्योंकि वह आक्रामक और तेज होता है।