दीवारों के रंग तय करते हैं आपका मूड

दीवारों के रंग तय करते हैं आपका मूड

रंगों का ख्याल रंगों के लिहाज से लोगों मे ज्यादा अंतर नहीं दिखता। कोई भी लाल रंग को ठंडा रंग नही समझता। लाल को गतिशील, ताकतवर और उत्तेजक रंग माना जाता है जबकि हरा रंग शांत और संतुलित माना जाता है। कमरों में एक जैसा ही रंग नहीं होना चाहिए। कमरे का दो तिहाई हिस्सा ऎसा हो जो सूकुन दे। इसके लिए हल्के कलर सबसे अच्छे होते हैं। मिसाल के तौर पर हल्का सुनहरा या चाक, लिनेन या शरबती शेड्स। बाकी बचे एक तिहाई हिस्से में उजले रंगों से ओजस्वी प्रभाव पैदा किया जा सकता है। परदों के कपडे और किताबों या फोटोग्राफ जैसी चीजों से भी रंगों की शिद्दत को बढाया जा सकता है। यदि रंग बहुत ज्यादा तेज हों तो ये कमरे को बोरिंग बना देते हैं।