कम्युनिकेशन का लाइफ में हर जगह महत्व
जब घर की बात हो तब सॉरी शब्द सब कुछ हो जाता है। माता-पिता के सामने अगर आपने गलत बात बोल दी है और आपको सही मायने में पछतावा हो रहा है तब एक सॉरी से काफी बात बन सकती है, पर ऎसा नहीं है कि आप बार-बार सॉरी कहते रहें और गलतियां करते रहें। दोस्ती यारी हो या फिर कार्यालय में आपके किसी के साथ दोस्ताना ताल्लुक हो। संबंधों में स्वच्छ और स्पष्ट संवाद जरूरी है और जब भी आपको लगे ग़ाडी थो़डी भी पटरी से उतर रही है तब स्वयं पहल कर संवाद स्थापित करने का प्रयत्न जरूर करें।