टी-नेजर्स ज्यादा रोक-टोक पसंद नहीं करते

टी-नेजर्स ज्यादा रोक-टोक पसंद नहीं करते

माता-पिता के समझने को और उनके द्वारा अनुशासन को गलत मतलब से लेेने लगते हैं। हर बात में जनरेशन गैप से जोडने लगते हैं। माता-पिता कुुछ समझते हैं तो ऑडर बातने लगते हैं। आज के दौर में सोशल नेटवर्किग इतनी बढती जा रही हैं कि ऎसा लगता है, जैसे बच्चाों की तो सारी की सारी दुनिया ही यही है। पूरे दिन कंप्यूटर के जरिए वे दुनिया भर से जुड जाते हैं। कभी होमवॉक, प्रोजेक्ट फाइल तो कभी, यहां तक कि एक-दूसरे की भावनाओं को ही नेटवर्किग पर समझने लगें हैं। एक-दूसरे की हर छोटी से छोटी बात आराम से शेयर कंप्यूटर के ही करते हैं, लेकिन जैसे ही इस दुनिया से बाहर आए नहीं, परेशानी, तनाव का अनुभव करने लगते हैं। वे पुराने जमाने और इंटरजनरेशन के बीच भिन्नताएं को अधिक महसूस करने लगते हैं।