बोलने में छुपा है सेहत का राज
आमतौर से व्यक्ति का कम या ज्यादा बोलना प्रत्यक्ष रूप से मानसिक स्वास्थ्य को ही प्रभावित करता है। चूंकि मानसिक एक दूसरे से परस्पर जुडे हुए हैं और दोनों एक-दूसरे को किसी न किसी रूप में प्रभावित करते रहते हैं, अत: व्यक्ति का कम या ज्यादा बोलना प्रत्यक्ष रूप से मानसिक स्वास्थ्य को प्रभावित तो करता ही है, परोक्ष रूप से शारीरिक स्वास्थ्य को भी प्रभावित करता रहता है।