जानिए स्वाइन फ्लू से बचाव के प्रमाण-आधारित आयुर्वेदिक सूत्र
वर्तमान में दो प्रकार के एन्फ्लुएंजा-ए
वाइरस और दो प्रकार के एन्फ्लुएंजा-बी वायरस इंसानों के मध्य बीमारी का कारण बन
रहे हैं। एन्फ्लुएंजा-ए वायरस के 16 उप-प्रकार भी
हैं। इनमें 14 प्रकार पक्षियों में और दो प्रकार
चमगादड़ों के शरीर में पाए जाते हैं। एन्फ्लुएंजा-बी में छः उप-प्रकार ऐसे हैं जो
मानव को संक्रमित करते हैं।
स्वाइन फ्लू से बचाव के लिये वैक्सीनेशन
महत्वपूर्ण उपाय माना जाता है, परन्तु वैक्सीन
उत्पादन के तौर तरीके लम्बे समय से नहीं बदले। वैक्सीन की प्रभाविता भी बड़े-बूढ़ों
में असंतोषजनक है। वैक्सीनेशन न केवल हर वर्ष जरूरी है, बल्कि
सभी वायरल संक्रमणों के विरुद्ध प्रभावी एकल वैक्सीन उपलब्ध नहीं है। एन्फ्लुएंजा
के उपचार हेतु भी केवल एन्टीन्यूरामिनीडेज औषधियां ही कारगर मानी जाती हैं।
पालीमेरेज मैकेनिज्म से सम्बंधित औषधियाँ अभी विकसित नहीं हो पाईं हैं।
एन्फ्लुएंजा के नये-नये रूपांतर या वैरिएंट से आपदा की आशंका सदैव बनी रहती है।