दांपत्य जीवन: जब "हम" की जगह ले ले "मैं"
पैकिं ग: ऎसा माना जाता रहा है कि महिलाएं टूर पर जाते समय आवश्यकता से अधिक पैकिंग कर लेती हैं। कहीं घूमने बाहर जाने का प्लान बना रही है तो सूटकेस पैक करने का काम हसबैंड को सौपें। लगभग 60 प्रतिशत पुरूष इस बात को सही मानते हैं। वहीं 100 में से 40 महिलाएं भी स्वीकारती हैं कि अक्सर शहर से बाहर जाते समय आवश्यकता से अधिक पैकिंग हो जाती है। इसका कारण यह है कि महिलाओं को दिनचर्या की हर वस्तु आवश्यक प्रतीत होती हैं। इसके विपरीत पुरूष केवल चुनिंदा और उपयोगी सामानों को ही गठरी में बांधने के आदी होते हैं। खुद को ही सर्वश्रेष्ठ न समझें कई बातों को लेकर महिलाएं और पुरूष दोनों अपने आपको बेस्ट समझते हैं। अगर समझदारी से काम न लें, तो आने वाले समय में इस बात को ले कर आपस में तू-तू,मैं-मैं हो सकती है। इस रिश्ते में एक-दूसरे पर विश्वास करना बहुत जरूरी होता है। हमेशा खुद को ही सर्वश्रेष्ठ न समझें, सामने वाले को भी अपनी बात और काबिलियत रखने का मौका दें। होम मिनिस्टर नहीं बनें होम मैनेजर महिलाओं का मानना है कि पुरूष थोडे पैसे में घर नहीं चला सकते। हाउसवाइफ पैसे के प्रबंधन में खुद को बेहतर मानती हैं। इन्हें लगता है कि होम मिनिस्टर का खिताब इन्हें विरासत में मिला है। वहीं पुरूष भी पैसा खर्च करने के उनके तरीके को ज्यादा सही नही ठहराते हैं। मतलब साफ है कि खुद को बेहतर गृह प्रबंधक मानने के चक्कर में आपकी पतिदेव से ठनती रहेगी। आप घर की वो धुरी हैं जिसके चारों ओर पूरे परिवार का भविष्य घूमता है इसलिए खुद को अच्छा होम मैनेजर बनाएं न कि होम मिनिस्टर।