एसएमएस के जरिये लडाई... ना बन जायें दुखदायी...

एसएमएस के जरिये लडाई... ना बन जायें दुखदायी...

जब आप दोनों एसएमएस के जरिए बात कर रहे होते हैं तो आपके दिमाग का सिर्फ लॉजिकल हिस्सा चल रहा होता है। लेकिन जब आप आमने-सामने बात कर रहे होते हैं तो आप दोनों एक दूजे से भावुक तौर पर जु़डे होते हैं। हमारा दिमाग सिर्फ मैसेज में लिखे शब्दों को ही पढ़ पाता है और लॉजिकल होकर नतीजा निकाल लेता है, जो कि रिलेशनशिप में खटास लाती है।