जिस दिन पत्नी को नींद अच्छी तरह नहीं आती, उसके दूसरे दिन...

जिस दिन पत्नी को नींद अच्छी तरह नहीं आती, उसके दूसरे दिन...

एक लडकी शादी करके जब ससुराल जाती है तो उसकी आंखों में हजारों सपने और चाहते होती हैं और जब ये सपने हकीकत के धरातल पर टकराकर चकनाचूर होने लगते हैं तो नींद का उडना लाजमी है। नींद की कमी से प्यार और अपनापन कब रिश्तों के बीच से गायब होने लगता है, पता भी नहीं चल पाता और परिवार बिखरने लगता है। औरतों को नींद न आना या उनकी नींद पूरी न होना एक संवेदनशील मामला है। अधूरी नींद घर-गृहस्थी में समस्याएं पैदा करती है। मनोवैज्ञानिकों का मानना है कि जिस दिन पत्नी को नींद अच्छी तरह नहीं आती, उसके दूसरे दिन पति- पत्नी के बीच कहासुनी की नौबत आ जाती है।

भावुकता: आदमी ज्यादातर प्रेक्टिकल हो कर सोचते हैं, पर औरतें भावुक हो कर। भावुकता उनकी नींद ना आने की समस्या में बडी भूमिका निभाती है। महिला चाहे हाउसवाइफ हो या वर्किंग, उस पर बहुत सारी जिम्मेदारियां होती हैं। घर, ऑफिस, बच्चाों और ससुराल वालों को उसे मैनेज करना होता है। उसे हर जगह बेहतरीन परफॉरमेंस देनी है। उसे सबके मुताबिक रहना है। इन सबके बीच वह खुद को खुश रखना भूल जाती है। नींद न आने की सबसे बडी यही वजह है कि वे थोडे समय में कई सारे काम एक साथ कर लेना चाहती हैं, पर पूरी तरह कुछ भी नहीं कर पाती हैं। अगर उनसे पूछा जाए कि 9-10 साल के लंबे वैवाहिक जीवन में वे क्या चाहती हैं, तो वे क ुछ नहीं बता पाती। शादी के बाद वे अपने बारे में सोचना छोड देती हैं और समझौते करना शुरू कर देती हैं। इन्सिक्योरिटी फीलिंग: अगर महिला अपने पति या साथी को हमेशा मौजूद पाती है या उसके होने को शिद्दत से महसूस करती है तो उसे अच्छी नींद आती है। कुछ परिस्थितियों में अगर पति साथ है,पर उनसे बात नहीं हो पा रही, तो भी उन्हें तसल्ली रहती है कि मेरा साथी मेरे आसपास है, भले ही वह दूसरे कमरे में काम कर रहा है या सो रहा है। बातचीत न होने पर भी वह सुरक्षित महसूस करती है। लेकिन मतभेद गहराने पर जब उनके बीच सहयोग और निकटता कम होने लगती है तो यह स्थिति महिला को डरा देती है। तब सोना उसके लिए मुश्किल हो जाता है।


#5 कमाल के लाभ बाई करवट सोने के...