रोमांस और महिलाओं की सोच
आज की नारी के लिए विवाह की परिभाषा बदल गई है। आज कई शादीशुदा औरतों को अपनी जिंदगी में एक और पुरूष की चाहत होती है,जो उसकी जिंदगी में रोमांस और सेक्स की चाहत को पूरा करता हो। कल तक जहां सिर्फ पुरूष को अपनी पत्नी के अलावा दूसरी औरत से विवाहेतर संबंध बनाते थे, वहीं आज अगर स्त्री की भावनाओं की कद्र नहीं की जाए तो वह भी पर पुरूष के कंधे को तलाशने में संकोच नहीं करती। जब पुरूष स्त्री की जरूरतों को नहीं समझता है और उसे नजरअंदाज करता है,तब ऎसे संबंध जन्म लेते हैं।