शादी में क्या है कुण्डली का महत्व
मानसिक और शारीरिक दक्षता
भावी वर और वधु का व्यवहार, प्रकृति, रूचि और क्षमता के स्तर को जानकर आपस में कुंडली के माण्यम से मिलाया जाता है। अगर दोनों के इन गुणों में दोष पाया जाता है तो शादी नहीं की जाती है। माना जाता है कि जबरन शादी कर देने पर दोनों ज्यादा समय तक साथ नहीं रह पाते हैं।