फाइनैंस में एमबीए करना सही ऑप्शन
बिजनेस स्कूलों की ऎसी स्पेशियलिटी वाले प्रोग्राम तभी शुरू करने चाहिए, जब उनके पास इसके लिए सही रिसोर्सेज और इन्फ्रास्ट्रच्कर हों। अन्यथा बेहतर एजुकेशन की उम्मीद बेमानी ही है। भारत में वाले स्पेशियलिटी एमबीए कोर्स अनुभवी फैकल्टी के अभाव में प्रभावित होते हैं। इनके एजुकेशनल मॉडल परंपरागत बिजनस स्कूल से काफी अलग होते हैं। दरअसल ये प्रोग्राम्स किसी खास सेक्टर की जरूरत के अनुरूप बनाए जाते हैं। प्रोग्राम चलाने में और इसकी रूपरेखा तैयार करने में इंडस्ट्री की सक्रिय भागीदारी जरूरी होती है। छात्रों को इसके लिए प्रोत्साहित किया जाना चाहिए कि वे क्लास में बनी समझ और शिक्षा को नियमित इंटर्नशिप और प्रोजेक्ट्स के दौरान अजमाएं और यह इस प्रकार के कार्यक्रम की पहचान भी होनी चाहिए।