माता-पिता की पहली पसंद कोचिंग

माता-पिता की पहली पसंद कोचिंग

कोचिंग बनी जरूरत इस बढती प्रतिस्पर्धा और स्कूल शिक्षा गिरते स्तर ने बच्चों को कोचिंग की राह पर चलने के लिए मजबूर कर दिया है। हर साल कई बच्चो स्कूल के बाद प्रतियोगी परीक्षाओं की तैयारी करते हैं। ऎसे मे अभिभावक 10वीं के बाद से ही बच्चो को कोचिंग कराने लगते हैं। हालांकि स्कूलों में एक्स्ट्रा क्लासेज की व्यवस्था होती है, जिनमें बच्चों को खास सब जैक्ट पर ध्यान देने की विशेष नसीहत दी जाती है, लेकिन उनसे बच्चों को ज्यादा मदद नहीं मिलती। दूसरी ओर कुछ लोग ऎसा भी हैं माना है कि कोचिंग में एग्जाम्स के पैटर्न के हिसाब से तैयारी करवाई जातीहै। वहां कई तरह की ट्रिक्स भी बताई जाती हैं, जो बच्चो कहीं और से नहीं सीख सकते।