चंचलता लाती है खूबसूरती में चार चांद
असल में जो दूसरों को यह महसूस कराये कि वह स्पेशल है तो वह खुद ही अपना खास स्थान बना लेता है और यह तारीफ करना भी एक कला है। इसमें मक्खनबाजी की गंध न आए। बातचीत में सेंस आफ ह्यूमर यानी हंसी मजाक का पुट होना भी जरूरी है। किसी भी बात को हल्के-फुल्के तरीके से कहें। चाहे बात अच्छी हो या बुरी, मुसकुराहट उसकी हर कमी को ढक लेती है। आपके बोलने के लहजे में समय के अनुसार गंभीरता आये तो ठीक रहेगा।