दो दिलों का मिलन नहीं बल्कि शर्तो के घेरे में आये सात फेरे

दो दिलों का मिलन नहीं बल्कि शर्तो के घेरे में आये सात फेरे

एक तरफ जहां जागरूकता बढी, वहीं इन्हीं कानूनों का दुरूपयोग भी अब बढने लगा है।
सास-ससुर अगर लडकियों को नहीं भाते, तो उन्हें दहेज विरोधी कानून में फंसाने की धमकी दी जाती है।
परिवार में रहना अब किसी को पसंद नहीं, शादी का मतलब अब सिर्फ एक बडा घर, बडी गाडी और बस पति का साथ हो गया है।