अकाल मृत्यु से बचाएगा यह मंत्र, बढ़ेगी आयु
इन बातों का रखें विशेष ध्यान
– महामृत्युंजय मंत्र का उच्चारण सही तरीके से और शुद्धता के साथ करें। इस मंत्र के जप में एक शब्द की भी गलती भारी पड़ सकती है।
– इस मंत्र के जप के लिए एक निश्चित संख्या निर्धारित करें। आप धीरे-धीरे जप की संख्या को बढ़ा सकते हैं लेकिन इसे कम न करें।
– इस मंत्र का जप धीमे स्वर में करना चाहिए। जप करते समय इसका उच्चारण होठों से बाहर नहीं आना चाहिए।
– इस बात का विशेष ध्यान रखें कि महामृत्युंजय जप के दौरान धूप-दीप जलते रहना चाहिए।
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इस मंत्र का जप केवल रुद्राक्ष की माला से ही करें। माला को गौमुखी में
रखकर उससे जप करें और जप पूरा हो जाने के बाद माला गौमुखी से बाहर निकालें।
– इस मंत्र का जप उसी जगह पर करें जहां पर भगवान शिव की मूर्ति, प्रतिमा या महामृत्युमंजय यंत्र रखा हो।
– इस मंत्र का जप हमेशा पूर्व दिशा की ओर मुख करके ही करें और जितने भी दिन का यह जप हो उतने दिन तक मांसाहार का सेवन न करें।