प्यार की कोई एक्सपायरी डेट नहीं होती

प्यार की कोई एक्सपायरी डेट नहीं होती

कोयल की कूक, मोर का नृत्य, फूलों की कोमल पंखुडियों का रेशमी एहसास,बरसता की रिमझिम बूदें, हर वह चीज जो दिल के तारों को छेडकर मस्त बयार के साथ अठखेलियां करती हुई जब मन में समाती है, तो प्यार के असंख्य तार झनझना उठते हैं। समुद्र की लहरों पर नौका पर मंद हवाओं के झोंकों के साथ डूबते-उतराते एक दूसरे किनारे पर पहुंचने की ख्वाहिश है प्यार। फिर ऎसे खूबसूरत एहसास की भी भला क्या एक्सपायरी डेट हो सकती है। बेशक जीबन की हमेशा बसा रहता है, दिमाग पर हमेशा छाया रहता है। बेशक जीवन की विभिन्न प्राथमिकताओं के चलते उस पर जिम्मेदारियों के बादल छा जाते हैं, पर इसका अर्थ कदापि नहीं कि वह धुंधला जाता है। बादलों के नीचे भी हौले-हौले तैरता प्यार कायम रहता है।