प्यार और रोमांस में शर्म का परदा अब...
कहां से उपजती है शर्म रोमांस को शर्म के साथ जोड कर देखती हैं, जिस की वहज से इस सहजस्वाभाविक प्रक्रिया व आवश्यकता को ले कर कई बार उन के मन में कुंठा भी पैदा हो जाती है। सेक्स के प्रति शर्म परवेश से उत्पन्न होती है। यह हमारे परिवारों से आती है, हमारी संस्कृतिक व धार्मिक परंपराओं से आती है, फिर हमारे मित्रों व हमारे समुदाय से हम तक पहुंचती है।