प्यार कब और कहां
प्यार कब और कहां हो जाए कहा नहीं जा सकता, क्योंकि प्यार किया नहीं जाता है बल्कि हो जाता है। एक अंजान व्यक्ति लाइफ में आकर दिल में कुछ ऎसी जगह बना लेता है कि ना तो भूख लगती है और ना ही देश दुनिया की फिक्र होती है। पर जिंदगी में यह बदलाव एकदम से नहीं आता बल्कि यह धीरे-धीरे गहरा होता है और कई स्थितियों से गुजकर जिंदगी का अहम हिस्सा बनता है।
पे्मी को इस बात का एहसास कराने के लिए आप उन्हें कितना प्यार करते हैं कई तरह से प्रभावित करने की कोशिश करते हैं।
यह प्यार का सबसे कोमल स्वरूप होता है, जिसमें चाहे अच्छा वक्त हो या बुरा वक्त हर पल साथ निभाने की भावना अपने आप आ जाती है।