प्रेम के रूप

प्रेम के रूप

प्यार तीन रूपों में आता है और हर रूप के पीछे अलग-अलग हार्मोन जुडे होते हैं। यह दरअसल वासना होती है, जो सैन्स हार्मेन टेस्टोस्टीरॉन और ऑस्ट्रोजन से उत्पन्न होती है। टेस्टोस्टीरॉन सिर्फ पुरूषों में ही नहीं उत्पन्न होता, यह महिलाओं में भी उतनी ही सक्रिय होता है।

यहां से प्यार होने की शुरूआत हो जाती हैजब लोग प्यार मेंपडते हैं तो उन्हें दूसरा कुछ नहीं सूझता, उनकी भूख-प्यास खत्म हो जाती है नींद उड जाती है और हर वक्त अपने प्रेमी के बारे में साचने में बिता देते हैं।