लिव इन रिलेशनशिप बराबरी व आजादी
जब दो लोगों ने एक साथ रहने की ठान ली है तो कोई जरूरी नहीं कि सामाजिक दूस्तूरों की परवाह की ही जाए, हां जब तक निभाए, कभी कुछ भी करें, लेकिन एकदूसरे का सम्मान करना न भूलें।
जब दो लोगों ने एक साथ रहने की ठान ली है तो कोई जरूरी नहीं कि सामाजिक दूस्तूरों की परवाह की ही जाए, हां जब तक निभाए, कभी कुछ भी करें, लेकिन एकदूसरे का सम्मान करना न भूलें।